करेंट अफेयर्स नोट्स (27 अप्रैल 2025)

Print Friendly, PDF & Email

करेंट अफेयर्स नोट्स (27 अप्रैल 2025)


1. पहलगाम हमला और सीमा प्रबंधन

सन्दर्भ:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मृत्यु हो गई। आतंकवादी पिर पंजाल पहाड़ियों के जंगलों में भाग निकले। यह घटना सीमा पर कड़ी निगरानी और रोकथाम व्यवस्था की आवश्यकता को दर्शाती है।

मुख्य बिंदु:

  • भारत और पाकिस्तान की 3,300 किलोमीटर लंबी सीमा में से लगभग 1,000 किलोमीटर जम्मू-कश्मीर में है।
  • घने जंगलों और कम दृश्यता के कारण आतंकवादियों को पकड़ना चुनौतीपूर्ण है।
  • अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली जैसे थर्मल इमेजर्स, राडार, अंडरग्राउंड सेंसर के साथ समग्र एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (CIBMS) को विकसित किया गया।
  • शीतकाल में बर्फबारी के कारण हर वर्ष एक तिहाई सीमा बाड़ क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिससे घुसपैठ की संभावना बढ़ जाती है।
  • सीमा पर स्मार्ट फेंसिंग की तत्काल आवश्यकता है जो बर्फ और मौसम की विकट परिस्थितियों में भी कार्यशील रहे।

2. शिमला समझौता (1972) और उसका निलंबन

सन्दर्भ:
भारत के पलटवार के बाद पाकिस्तान ने 1972 के शिमला समझौते को निलंबित करने की घोषणा की।

मुख्य बिंदु:

  • हस्ताक्षरकर्ता: प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो।
  • मुख्य उद्देश्य: युद्ध समाप्त कर द्विपक्षीय शांति स्थापित करना।
  • महत्वपूर्ण प्रावधान:
    • सभी विवादों का शांतिपूर्ण और द्विपक्षीय समाधान।
    • संयुक्त राष्ट्र में हस्तक्षेप से बचना।
    • जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम रेखा का पुनःनामकरण कर ‘नियंत्रण रेखा (LoC)’ किया गया।
    • 93,000 पाकिस्तानी युद्धबंदियों की रिहाई।

निलंबन के प्रभाव:

  • कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण बढ़ सकता है।
  • क्षेत्रीय स्थिरता पर खतरा मंडराएगा।
  • द्विपक्षीय वार्ताओं का भविष्य अस्थिर हो सकता है।

3. शसिंधु जल संधि और हालिया घटनाक्रम

सन्दर्भ:
भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया।

मुख्य बिंदु:

  • मध्यस्थ: विश्व बैंक।
  • विभाजन:
    • भारत को पूर्वी नदियाँ (रावी, ब्यास, सतलुज)।
    • पाकिस्तान को पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चेनाब)।
  • भारत द्वारा उठाए गए कदम:
    • 2025 में संधि निलंबन हेतु वियना सम्मेलन के अनुच्छेद 62 का हवाला।
    • पश्चिमी नदियों पर अपने अधिकार को सुदृढ़ करने के लिए नए बाँध (किशनगंगा, रतले) का निर्माण।
  • प्रभाव:
    • पाकिस्तान की कृषि और जल आपूर्ति संकट में।
    • क्षेत्रीय तनाव बढ़ने की आशंका।

4. भारत-सऊदी अरब संबंध 2025

सन्दर्भ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा कर द्विपक्षीय रणनीतिक भागीदारी परिषद (SPC) की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की।

मुख्य बिंदु:

  • नए पहल:
    • रक्षा सहयोग समिति और पर्यटन एवं सांस्कृतिक सहयोग समिति का गठन।
    • 100 अरब डॉलर के निवेश का वादा।
    • स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, डोपिंग निरोध और डाक सेवाओं में समझौते।
  • रणनीतिक सहयोग:
    • संयुक्त सैन्य अभ्यास: ‘EX-SADA TANSEEQ’ और ‘Al Mohed Al Hindi’।
    • ‘डिजिटल सिल्क रोड’ परियोजना में सहयोग प्रस्तावित।
  • चुनौतियाँ:
    • श्रमिक अधिकार, व्यापार घाटा और क्षेत्रीय अस्थिरता।

5. अभ्यास डेजर्ट फ्लैग – 10

सन्दर्भ:
भारतीय वायु सेना (IAF) ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में आयोजित डेजर्ट फ्लैग-10 में भाग लिया।

मुख्य बिंदु:

  • भागीदार देश: ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, कतर, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका।
  • भारत द्वारा मिग-29 और जगुआर विमान तैनात किए गए।
  • मुख्य उद्देश्य:
    • बहुपक्षीय वायु युद्ध कौशल का अभ्यास।
    • परिचालन तालमेल और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान।

6. सोने में तेजी और भारत के विदेशी मुद्रा भंडार

सन्दर्भ:
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी फरवरी 2025 तक लगभग 12% हो गई।

मुख्य बिंदु:

  • वृद्धि का कारण:
    • वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प।
  • भारत का कुल विदेशी भंडार:
    • अप्रैल 2025 तक 677.84 अरब डॉलर।
  • मुख्य घटक:
    • विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ (FCA)
    • स्वर्ण भंडार
    • विशेष आहरण अधिकार (SDRs)
    • IMF के साथ रिजर्व ट्रेंच पोजीशन (RTP)।

7. स्पेगेटी बाउल परिघटना

सन्दर्भ:
FTAs के बढ़ते जाल के कारण ‘स्पेगेटी बाउल’ परिघटना पर फिर से ध्यान गया है।

मुख्य बिंदु:

  • परिभाषा:
    • जब कई देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTAs) इतने अधिक और जटिल हो जाते हैं कि व्यापार करना कठिन हो जाता है।
  • शब्द की उत्पत्ति:
    • 1995 में अर्थशास्त्री जगदीश भगवती द्वारा गढ़ा गया।
  • प्रभाव:
    • व्यापार नियमों का जाल बिखरता है।
    • व्यापार में जटिलता और लागत बढ़ती है।
    • क्षेत्रीय व्यापार का लाभ सीमित रह जाता है।

 

Prince Luthra (UPSC CSE AIR 577)

Hello Aspirants, I am Prince Luthra (AIR 577) from UPSC 2014 batch. I started the UPSC preparation way back in 2010. I was giving my time, effort, and energy. I was pretty sure to pass the exam in 1st attempt but I could not. After the failure, I asked myself why could not I clear prelims? After a lot of analysis, I figured out that I was reading the books toppers told me to; Nevertheless, in the prelims exam, I was making mistakes in MCQs. I started attempting MCQs for preparation. This strategy worked since when an MCQ is asked then your brain stimulates and starts searching for answers. Our MCQs series capitalize upon this concept and hence we provide you Spectrum MCQ series and Laxmikanth MCQ series so that you score 90-95% in History and Polity MCQs which will take your marks above cut off be it UPSC, PSC, EPFO or any other exam. This strategy helped me clearing Prelims of UPSC and UPPCS, I am certain that it will help you too. All the best! Prince Luthra (AIR 577)

You may also like...

error: Content is protected !!